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लेखनी प्रतियोगिता -27-Feb-2023 ममता का कत्ल

लीना अभी ऑफिस आकर पहुंची ही थी । आज जिला मुख्यालय पर "सबसे ईमानदार पार्टी" का धरना प्रदर्शन था उसमें पुलिस अधीक्षक ने उसे बुला लिया था । जिले के सभी उप अधीक्षक बुला लिये थे तो लीना को भी अपनी ड्यूटी देनी पड़ी थी । धरना प्रदर्शन का कारण भी बड़ा शानदार था । सबसे ईमानदार पार्टी का कहना है कि उसके सबसे ईमानदार मंत्री जिन्होंने अपने राज्य की शिक्षा को अमरीका और यूरोप के देशों से भी बेहतर बना दिया था , को सी बी आई ने गिरफ्तार कर लिया । इस कार्यवाही के विरोध में सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन रखा गया था । 

सी बी आई का कहना था कि सरकार की नई आबकारी नीति में हजारों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया था और कट्टर ईमानदार लोग ही कट्टर बेईमान बन गये थे इसलिए सबसे ईमानदार मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया था । ऐसे आरोप प्रत्यारोप में पुलिस की बड़ी फजीहत होती है । धरना-प्रदर्शन में कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े इसके लिए पुख्ता पुलिस बंदोबस्त करने पड़ते हैं और इस कारण पुलिस बहुत से अनुसंधान नहीं कर पाती है । पुलिस का कीमती समय बर्बाद होता है । बेवजह वक्त जाया होने के कारण लीना गुस्से में भरी बैठी थी । 
इतने में एस पी साहब का फोन आ गया कि हाईवे पर एक दुर्घटना हो गई है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है । घटनास्थल पर भीड़ एकत्रित हो गई है , जाकर तुरंत कार्यवाही करो । लीना तुरंत घटनास्थल की ओर चल दी । 

मौके पर उसने देखा कि सड़क पर एक व्यक्ति की लाश पड़ी है और भीड़ ने जाम लगा रखा है । उसने थानेदार और पुलिस जाप्ता को बुला लिया । मृत शरीर को गौर से देखने पर पता चला कि उसके ऊपर होकर कोई वाहन निकला है इसलिए उसकी मृत्यु हो गई है । लीना ने उस लाश का पोस्टमार्टम करवाया और जाम खुलवाया । 

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद उसका माथा ठनका । रिपोर्ट में उसकी मृत्यु दम घुटने से बताई गई थी । यह एक आश्चर्यजनक घटना थी । मृतक बनवारी लाल रैगर का अगर एक्सीडेंट हुआ था तो उसकी मृत्यु दम घुटने से कैसे हो सकती है ? संदेह का बीज पड़ चुका था । उसने लाश के फोटोग्राफ देखने शुरू कर दिये । लाश के शरीर पर टायरों के निशान स्पष्ट नजर आ रहे थे । पर ये निशान एक से अधिक लग रहे थे । इसका मतलब यह हुआ कि गाड़ी को उसके बदन पर दो तीन बार घुमाया गया था । क्या एक्सीडेंट में यह संभव है ? अगर गाड़ी उसके शरीर पर दो तीन बार घूमी है तो वह जानबूझकर घुमाई गई है । अगर ऐसा है तो इसका मकसद क्या है ? इसका मतलब हुआ कि वह एक्सीडेंट ना होकर एक सोची समझी हत्या है । अगर वह एक हत्या है तो हत्यारा कौन है ? उसका मकसद क्या था ? और भी बहुत सारे प्रश्न लीना के मस्तिष्क में घूमने लगे । 

लीना ने जांच आरंभ कर दी । सबसे पहले तो मृतक के बारे में जानकारी जुटाई गई । मृतक बनवारी की उम्र लगभग 40 वर्ष थी । दो चार साल पहले वह एक दिन छत से गिर पड़ा था इससे उसकी रीढ की हड्डी टूट गई थी और वह उस दिन से ही अपंग हो गया था । कमर से नीचे का हिस्सा बेकार हो गया था उसका इसलिए वह चल फिर नहीं सकता था । एक अपंग आदमी ना तो धन कमा सकता है और ना ही अपनी पत्नी को शारीरिक सुख दे सकता है इसलिए ऐसे अपंग पत्नी उसकी ताजिंदगी सेवा क्यों करे ? भौतिकवादी जमाने में नैतिकता की बातें अच्छी नहीं लगती हैं । आजकल लोग बहुत "प्रैक्टिकल" हो गए हैं इसलिए बनवारी की पत्नी उसे छोड़कर चली गई तथा किसी और आदमी से उसने शादी भी कर ली थी । 
मतलब का साथ मतलब के रिश्ते 
मतलबी इंसान हैं सब कौन फरिश्ते ? 

लीना ने सोचा कि जब बनवारी चल फिर नहीं सकता था तो फिर वह सड़क तक कैसे पहुंचा था ? इसका मतलब उसकी हत्या घर पर की गई और लाश सड़क पर पटक दी गई जिसके ऊपर से गाड़ियां गुजरती रहीं । बनवारी की हत्या करने से क्या फायदा हो सकता है ? इस पर गहन जांच करते हुए लीना ने बनवारी की बूढी मां को गिरफ्तार कर लिया । बनवारी की मां जल्दी ही टूट गई  और उसने सब कुछ साफ साफ बता दिया । 

"जब से बनवारी अपंग हुआ था घर की स्थिति बहुत खराब हो गई थी । काम धंधा बचा नहीं और बनवारी की औरत भी यहां नहीं रही । ऐसे में एक तो घर खर्च और दूसरे बनवारी की दवाइयों का बेतहाशा खर्च ने बनवारी रैगर की मां प्रेम देवी रैगर को सोचने पर विवश कर दिया" । तब प्रेम देवी ने अपने देवर के संग मिलकर बनवारी के कत्ल की योजना बनाई । 

योजना के अनुसार प्रेम देवी ने उसके खाने में नींद की गोलियां मिला दी जिससे उसे गहरी नींद आ गई  । तब उसकी मां ने उसके पैर पकड़े और बनवारी के चाचा ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी । फिर एक पिकअप वाले को भी अपनी योजना में शामिल कर लिया । बनवारी के शरीर को घर से उठाकर बीच सड़क पर डाल दिया गया जिस पर पिकअप को दो तीन बार घुमाया गया । एक्सीडेंट बताने के लिए ही यह सब प्रपंच रचा गया था जिससे इंश्योरेंस के पैसे प्रेम देवी को मिल जायें । मगर प्रेम देवी का खेल चल नहीं सका और इस खेल ने उसे जेल पहुंचा दिया । कोई मां इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है जो अपने जवान अपंग बेटे का कत्ल कर सके ? अपनी ममता का कत्ल करके उसे जरा भी शर्म नहीं आई ? कत्ल भी इंश्योरेंस के पैसों के लोभ में किया गया था । लोगों ने सच ही कहा है कि इंसान लोभ में अंधा हो जाता है । लोभ के वशीभूत होकर प्रेम देवी ने अपनी ममता का कत्ल कर दिया था । 

(यह एक सत्य घटना है जो आज ही जयपुर में घटित हुई है)

श्री हरि 
27.2.23 


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15 Comments

madhura

23-Jul-2023 09:48 AM

Beautiful part

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kashish

23-Jul-2023 09:06 AM

Awesome post

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Babita patel

07-Jul-2023 11:34 AM

Very nice

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